Friday, March 24, 2006

ये ब्लोगर्स कहां गए

इंटरनेट का सबसे मजेदार खेल है ब्लागिंग।
लोग ब्लाग्स को पड तो लेते हैं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, एसा क्यों हो रहा है?

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युगल मेहरा

7 comments:

  1. नही जी ऐसा नही है. आप लिखते रहीये . हम है ना पढने के लिये.

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  2. पंकज बेंगाणीFriday, March 24, 2006 10:45:00 AM

    इतने ब्लोग है... क्या करे. टिप्पणीयाँ मुझे भी बहुत पसन्द है. और टिप्पणीयाँ देनी ही चाहिए.. छोटी ही सही. पर कोई ना भी दे तो क्या. बस लिखते रहिए. लोग पढते तो है.

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  3. उन्मुक्तFriday, March 24, 2006 5:23:00 PM

    लीजये पहली टिप्पणी मेरी| टिप्पणी न करने के कई कारण हो सकते हैं|१. हिन्दी में टाईप करना कठिन है;२. नारद जी इतने हिन्दी चिठ्ठैकारों की खबर रख रहें हैं कि पहला पन्ना बहुत ज्लदी बदल रहा है;३. शायद आपकी बात इतनी सटीक हो कि किसी टिप्पणी की जरूरत न हो;४. कुछ समय की कमी हो;५. आलस भी लगता है|

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  4. लीजिए , प्रतिक्रिया हाजिर है। निराश मत होइये, बाकी लोग भी टिप्पणी करेंगे।

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  5. अनूप शुक्लाFriday, March 24, 2006 10:02:00 PM

    ऐसा शायद इसलिये हो रहा है कि आप दूसरों के ब्लाग पढ़कर टिप्पणी नहीं लिखते होंगे।

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  6. टिप्पणी का माया बड़ी अजीब है, ये तो समझो व्यवहार की तरह है, दूसरे के यहाँ नेक देकर आये तो ही, लोग आपके ब्लॉग पर टिप्पणी करने आयेंगे। अब तुमने डन्डा मारकर बुलाया है तो सब हाजिर हो गये।हम भी लाइन मे आ गये है।लोग टिप्पणी करें चाहे ना करें, लगातार लिखते रहो।लो मूड फ़्रेश करने के लिये < HREF="http://www.jitu.info/merapanna/?p=113" REL="nofollow">टिप्पणी के महत्व <> पर प्रवचन पढो।

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  7. विजय वडनेरेMonday, March 27, 2006 6:25:00 PM

    <>हो ओ ओ ओ ओ ....पढ के तेरा बिलाग (ब्लाग), टिप्पणी देने को कोई हो ना हो तैय्यार,चल चला चल,हो लिखता,चल चला चल,चल चला चल,हो लिखता,चल चला चल.<>

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