पुरे देश के लोग कसाब और अफज़ल गुरु से खार खाए हुए हैं, सब इनको फांसी के फंदे पर झूलते देखना चाहते हैं. और सरकार है की उनकी मेहमाननवाजी में लगी है.
कुछ ऐसे भी लोग है जो मानवाधिकार की दुहाई दे रहे है, कुछ कहते हैं की फांसी देने से कुछ नहीं होगा.
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कम से कम मैं तो ऐसे लोगों में शामिल नहीं हूँ जिनके दिल में कसाब या अफज़ल के लिए हलकी सी भी सहानुभूति हो. खैर मैं विषय पर आता हूँ. मेरा मानना है की कसाब को फांसी नहीं देनी चाहिए.
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बल्कि में मैंने उसके लिए अलग ही सजा सोची है. अगर मेरी सज़ा पर अमल किया जाये तो पुरे देश के लोगों को गुस्सा भी शांत हो जायेगा और देश को धन का लाभ भी होगा. और हाँ कोई और आतंकवादी यहाँ दोबारा आने से पहले कई कई बार सोचेगा.
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मैं चाहता हूँ की सरकार आतंकवादियों का म्यूजियम बनाये. और कसाब जैसे लोगों को वहां पर देश के लोगों के दर्शनार्थ रखा जाये. कसाब के लिए एक अलग से खड़ा बाक्स बनाया जाये जिसमे उसे खड़ा किया जाये. उसके बाद अखबार में विज्ञापन निकला जाये की कसाब को मारने वाले को एक करोड़ का ईनाम.
मारने के लिए कुछ शर्ते रखी जाये
पहली और सबसे बड़ी शर्त की कसाब को सिर्फ थप्पड़ से मारा जाये
दूसरी शर्त - कोई किसी प्रकार के हथियार का प्रयोग नहीं करेगा.
तीसरी शर्त - थप्पड़ सिर्फ एक ही मारा जायेगा.
चौथी शर्त - थप्पड़ में कोई कितनी भी शक्ति का प्रयोग कर सकता है.
पांचवी शर्त - कसाब के चेहरे को छोड़कर उसके शरीर के किसी भी हिस्से पर प्रहार नहीं होना चाहिए.
मेरा मानना है की अखबार में विज्ञापन आते ही थप्पड़ मारने वालों की लाइन लग जाएगी. अब भारी भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षा बल की भी आवश्यकता है, इसलिए थप्पड़ मारने का शुल्क एक हज़ार रुपये रखा जाये पुरे परिवार को थप्पड़ मारने में विशेष छुट दी जाये. मैं कहता हूँ की किलोमीटर लम्बी लाईने लग जाएगी.
थप्पड़ मारने के लिए लोगों को रिजर्वेशन करवाना पड़ेगा. पूरा देश चाहता है कसाब को अपने हाथों से सजा देना. लोग आयेंगे अपनी पूरी शक्ति का प्रयोग करेंगे और थप्पड़ मरकर जायेंगे.
हाँ एक चिकित्सकों की टीम भी वहां पर तैनात होनी चाहिए, जो की कसाब की हालत पर नज़र रखे. जैसे ही कसब कमजोरी महसूस करे. थप्पड़ क्रिया में तुरंत ब्रेक लेकर वापस से कसाम की सेहत सुधारी जाये. उसे मुर्गे खिलाएं जाएँ, विटामीन दिए जाएँ, मोटा किया जाये. और जैसे ही वह तंदुरुस्त हो, फिर थप्पड़ मारो प्रतियोगिता में खड़ा कर दिया जाये.
सोचो सरकार को कितना लाभ होगा.
एक तो बहुत सारा रेवेन्यु एकत्रित हो जायेगा
देश के लोगों का गुस्सा शांत होगा
और सबसे बड़ी बात कोई दूसरा आतंकवादी हिन्दुस्तान आने से पहले एक लाख बार सोचेगा. आतंकवादी आपस में बातें करेंगे की यार हिन्दुस्तान में न जाओ ये मारते भी नहीं और छोड़ते भी नहीं .......
क्यों कैसा आइडिया है ?
sahmat hoon aapse.......
ReplyDeleteटिपण्णी का धन्यवाद योगिंदर जी
ReplyDeleteApka sujaw sahi hai. par ye to majak hi lagta hai. kasab ko phasi nahi deni chahiye. is baat se main bhi sahmat hu. Akhir itne sare bekasur hindustaniyo ko marker who itni asani
ReplyDeleteki mout kyo mare? use waisa mout diya jaye jo jite hue bhi woh bar bar mare. Aur real me mout mange to bhi na mile.
मुझसे सहमत होने और टिप्पणी का धन्यवाद सुनीता जी
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