कैसा लगता है आपको जब कोई आपको यह ज्ञान देता है कि दीपावली पर पटाखे मत चलाइए ? कैसा लगता है जब आपका सारा मिडिया यही बात चिल्लाता रहता है कि दीपावली पर पटाखे मत चलाइए ।
कोई यह कहता है कि पटाखे चलाना हमारी से हमारी संस्क्रती दूषित होती है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि पटाखे चलाने, आतिशबाजी करने से कैसे हमारी संस्क्रती प्रदूषित होती है।
आज आपको कोई पटाखे के प्रदुषण समझा रहे हैं कल आपको दीपक से भी होने वाला प्रदुषण समझायेंगे।
इस चर्च के मिडिया को समझिए .. खूब पटाखे चलाइए ..
खूब आनंद उठाइए
खूब आतिशबाजी करिये
ट्रेन में सफर करते वक्त भी तो बच्चो का ध्यान रखते हैं न ?
दशहरा देखने जाते हैं तब भी तो बच्चो का ध्यान रखते हैं ना ?
बच्चो के आतिशबाजी चलाते समय उनका ध्यान रखिये।
श्री राम के अयोध्या लौटने का उत्सव मानिए, दीप जलाइए और अच्छे से पटाखे चलाते हुए दीपावली मानिए।
यह देखिये किस तरह पुरे विश्व में पटाखे चलाकर दीपावली मनाई जाती है
१ अटलांटा में मनाई जा रही दीपावली
[youtube]Gu2Yv1OI2jw[/youtube]
२ लन्दन में मनाई जा रही दीपावली
[youtube]llK2jOjbAXs[/youtube]
३ न्युयोर्क मेन्हेटन में दीपावली पर आतिशबाजी
[youtube]4ZPXLw2_zU4[/youtube]
४ शिकागो में दीपावली कि आतिशबाजी
[youtube]_tNNOdLGW-U[/youtube]
५ लन्दन में दीपावली पर आतिशबाजी
[youtube]uhIWiVAmgAw[/youtube]
किसी ने कभी किसी को क्रिसमस और ३१ दिसंबर पर आतिशबाजी का विरोध करते देखा है क्या ?
जानते है क्रिसमस और ३१ दिसंबर को कितनी आतिशबजी होती है ?
किसी देश का मिडिया इन दोनों दिन प्रदुषण व्रादुष्ण जैसी फ़ालतू बात नहीं |
तो क्या हमें आतिशबाजी न करने कि सलाह देने वालों में ज्यादा दिमाग आ गया है |
मेरे भाइयों खूब पटाखे चलाओ और खुशियोंसे हमर त्यौहार मनाओ
जय श्री राम
जाते जाते सिडनी आस्ट्रेलिया में आतिशबाजी का एक विडियो देखिये जो कि दीपावली का नहीं है मगर इसकी आतिशबाजी देखिये
[youtube]p2a7lpPumzw[/youtube]
कोई यह कहता है कि पटाखे चलाना हमारी से हमारी संस्क्रती दूषित होती है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि पटाखे चलाने, आतिशबाजी करने से कैसे हमारी संस्क्रती प्रदूषित होती है।
आज आपको कोई पटाखे के प्रदुषण समझा रहे हैं कल आपको दीपक से भी होने वाला प्रदुषण समझायेंगे।
इस चर्च के मिडिया को समझिए .. खूब पटाखे चलाइए ..
खूब आनंद उठाइए
खूब आतिशबाजी करिये
ट्रेन में सफर करते वक्त भी तो बच्चो का ध्यान रखते हैं न ?
दशहरा देखने जाते हैं तब भी तो बच्चो का ध्यान रखते हैं ना ?
बच्चो के आतिशबाजी चलाते समय उनका ध्यान रखिये।
श्री राम के अयोध्या लौटने का उत्सव मानिए, दीप जलाइए और अच्छे से पटाखे चलाते हुए दीपावली मानिए।
यह देखिये किस तरह पुरे विश्व में पटाखे चलाकर दीपावली मनाई जाती है
१ अटलांटा में मनाई जा रही दीपावली
[youtube]Gu2Yv1OI2jw[/youtube]
२ लन्दन में मनाई जा रही दीपावली
[youtube]llK2jOjbAXs[/youtube]
३ न्युयोर्क मेन्हेटन में दीपावली पर आतिशबाजी
[youtube]4ZPXLw2_zU4[/youtube]
४ शिकागो में दीपावली कि आतिशबाजी
[youtube]_tNNOdLGW-U[/youtube]
५ लन्दन में दीपावली पर आतिशबाजी
[youtube]uhIWiVAmgAw[/youtube]
किसी ने कभी किसी को क्रिसमस और ३१ दिसंबर पर आतिशबाजी का विरोध करते देखा है क्या ?
जानते है क्रिसमस और ३१ दिसंबर को कितनी आतिशबजी होती है ?
किसी देश का मिडिया इन दोनों दिन प्रदुषण व्रादुष्ण जैसी फ़ालतू बात नहीं |
तो क्या हमें आतिशबाजी न करने कि सलाह देने वालों में ज्यादा दिमाग आ गया है |
मेरे भाइयों खूब पटाखे चलाओ और खुशियोंसे हमर त्यौहार मनाओ
जय श्री राम
जाते जाते सिडनी आस्ट्रेलिया में आतिशबाजी का एक विडियो देखिये जो कि दीपावली का नहीं है मगर इसकी आतिशबाजी देखिये
[youtube]p2a7lpPumzw[/youtube]
मुर्ख हैं जो हिंदू होकर Say No to Crackers बोलते हैं | Yugals State...
ReplyDeleteकैसा लगता है आपको जब कोई आपको यह ज्ञान देता है कि दीपावली पर पटाखे मत चलाइए ? कैसा लगता है जब आपका सारा मिडिया यही बात चिल्लाता रहता है कि दीपावली पर पटाखे मत चलाइए ।...
चलिए हम मूर्ख ही सही... आपकी पोस्ट पढ़कर ऐसा लगा, सारी दुनिया कुएं में कूद रही है चलो हम भी कूदते हैं.... अब ज्यादा क्या बोलूँ, गधे हैं ऐसे लोग जो पढ़े लिखे होने के बावजूद ऐसी बातें करते हैं.....
ReplyDeleteआतिशबाजी करना आप जैसे मूर्खो के लिए कुए में कूदना होता होगा हमारे लिए नहीं |
ReplyDeleteहमारे लिए आतिशबाजी करना हमारी खुशियों का प्रदर्शन करना है
खुशिया मनाने का एक तरीका है आतिशबाजी
क्या कभी क्रिसमस पर भि ऐसे ही विरोध किया है ?
घर में बच्चा होने कि खुशी में नहीं चलाते क्या आतिशबाजी ?
शादी समारोह में नहीं चलाते क्या आतिशबाजी ?
कभी किसी नेता के चुनाव् जितने पर होने वाली आतिशबाजी का विरोध किया है क्या ?
अबे शेखर क्या कह रहा है
ReplyDeleteकल को होली पे रंग डालने को मना करेगा . वहाँ पर तेरे जैसा पानी बचाने के लिए कहेगा
यहाँ पाताखे फोड़ने कि मन कर रहा है और घर जाके खुद ही फोड़ेगा
यहा नेट पर भी कुछ डेढ़ बुद्धि के धनी पटाखो से होने वाली हानी,और खर्च के ऊपर अनुसंधान कर रहे है तो,
ReplyDeleteजिन लीचड़ो को पानी या चूने का रासायनिक सूत्र नहीं पता वो भी वैज्ञानिको के बाप बनते हुये छाती पीट पीट के चिल्ला रहे है कि पटाखो से ध्वनि प्रदूषण होगा, वायु प्रदूषण होगा ..... ये होगा वो होगा
लेकिन बकरीद के दिन ....हर मीडिया चेनल पर हर थोड़ी देर में हॅप्पी ईद लिखा आता है और यही सब डेढ़ बुद्धि के धनी हॅप्पी ईद हॅप्पी ईद कहते हुये फूले नहीं समाते ...
और ये सब हिन्दू ही होते है ....इसे कहते है .... अपने बाप में दोष निकालते हुये , पड़ोसी को अपना धर्मपिता घोषित करके उसका सरनेम अपने नाम के आगे लगा लेना......डूब मरो जाकर कही ......
में पटाखे नहीं छोड़ता .....पर इस बार जरूर छोडुंगा ....और जो भी छोड़ता है खुलके छोड़े....... अगर प्रदूषण होगा भी तो तुम्हें नहीं बल्कि इन दोगले दुष्टो के लिए ही हानिप्रद सिद्ध होगा..... जय जय श्री राम
आप सभी को दीपावली की हार्दिक एवं आत्मिक शुभकामनाए ...... जय श्री राम
हमे किसी दुसरे धर्म का अंधानुकरण नहीं करना है। क्योंकी हिन्दु धर्म स्वच्छ पर्यावरण का आग्रही है। जहां तक दीये, यज्ञ आदी की बात है, उसमें गाय का घी प्रयोग होता है, जिससे वातावरण साफ होता है। लेकिन पटाखो में ईस्तेमाल किये जानेवाला पोटाश ज़हर होता है।
ReplyDeleteऔर हां, फेसबुक में "वसुधैव कुटुम्बकम्" आई डी का सही नाम जोषी पथिक है।
अरे तो कीजिये न आतिशबाजी किसने मना किया आपको, जो नहीं कर रहे हैं उनको क्यूँ मुर्ख कह रहे हैं, अब दुनिया क्या करती है उससे मुझे क्या, हम तो भाई नहीं फोड़ेंगे और अपने शुभचिंतकों को मना भी करेंगे.... और ये नीचे जो महाशय आये हैं नाम तो है ज्ञानेश, वाह वाह.... और इतनी शालीनता भरी बोली बोल रहे हैं कि क्या कहने.... काफी ज्ञानी महापुरुष मालूम होते हैं, अब जहाँ तक रही हिन्दू होने कि बात तो ये कोई बारहवीं का विषय तो था नहीं कि आपने खुद चुना है, हिन्दू घर में पैदा हुए तो हिन्दू हो गए, मुसलमान के यहाँ पैदा होते तो मुसलमान होते.... अब जो खुद बा खुद आपके पास आ गया उसपर इतना क्या इठलाना...
ReplyDeleteUchh Vichar Shekhar ji....
ReplyDeleteAapka Naam toh Gyanesh Paandey h par Panditya ki, Brahma ki batein bhul kar Nishchit hi KaramKaando me fans kar rh gye hain... Kal jb Paani nhi hoga ghar me toh khoge ye Gaanv ke log bda pani waste krte hain.. jbki Sachhai ye h ki Prakrati ko Nuksaan pahuchane me aap jeso ka hi number phle h... Rhi yha Updesh deke ghar jake patakhe fodne ki toh pichhle 6 saal se patakhe nhi jlaye hain.. Pranam !!!
ReplyDeleteहिंदू धर्म के सभी पर्व प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समाज के सभी वर्गों को वर्ष पर्यंत रोजगार देते हैं, तथा सभी तीर्थ भारत के सभी प्रान्तों के लोगों को एक दूसरे से जोड़ते हैं और ये सकारात्मक पक्ष कुछ तथाकथित ज्ञानियों को दिखाई नहीं देता हैं और लग जाते हैं हर पर्व में कुछ न कुछ कमियां निकाकर उपदेश देने में |
ReplyDeleteइस सम्बंध में एक बहुत ही प्रचलित कहावत है हिंदू समाज में
"थोडा पढ़ा हल से गया - ज्यादा पढ़ा घर से गया"
बहुत ही सटीक और करार जवाब जिया आपने
ReplyDeleteआपकी कहावत आप पर ज्यादा चरितार्थ होती दिख रही है.... जहाँ तक रही मुसलमानों की बात तो हम तो पहले अपने अन्दर की खामियां ढूँढ़ते हैं, पहले अपना घर साफ़ कर लिया जाए फिर दूसरों की बात करेंगे....
ReplyDeleteआज पटाखे फोड़ने कि मना करता है कल बोलेगा होली में रंग मत लगाना
ReplyDeleteऔर एक बात और जिंदगी में याद रख ले कि कभी कि किसी उंसकी कमियों को समझाना मत .. क्योंकि तुमने ही कहा है कि पहले अपने अंदर कि कमियां ढूँढो .. वाह रे
जब आप लोगों के तर्क खत्म हो जाते हैं तब आप हिंदू मुसलमान करने लग जाते हैं
ReplyDeleteअभी तक मैंने इस पोस्ट में मुसलमान शब्द का प्रयोग किया ही नहीं था फिर कहाँ से आप ज्ञान दे लगे
बहुत करारा जवाब दिया भाई
ReplyDeleteअबे शेखर कही तू कोई सेकुलर तो नहीं है या किसी देशद्रोही ने फर्जी नामे से Id बनाकर कमेन्ट किया है,,,,, हिन्दू धर्म का नाश करने वालो को मुहतोड़ जवाब दिया जायेगा,,,,,,, छुपकर वर करने वाले सामने आ...
ReplyDeleteये जितने भी हिदू धर्म के ढोंगी है,,,, सभी इन्टरनेट पर सक्रिय हो गए है,,, और हिन्दुओ का विरोध कर रहे है,,,,, इन शेखर जैसे लोगो का मुकाबला करना ही होगा..... जागो हिन्दू जागो
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