आज जब सलमान छूटा तो ऐसे अकडकर निकला कि विश्वविजय कर ली हो। बाकी सारे कलाकार जो उसे लेने गये थे(जो दाउद की पार्टी में ठुमके लगाते थे) वे भी अत्यंत प्रसन्न नजर आ रहे थे। जेल के बाहर सलमान के प्रशंषक नारे लगा रहे थे कि अभी तो ली अंगडाई है, आगे और लडाई है।
पर क्या ये आजादी परमानेंट(स्थाई) है?
जरा सोचो सलमान क्या पता जिस दरवाजे से तुम अकडकर निकल रहे हो वहां फिर से तुम्हारे स्वागत की तैयारीयां हो रही हो?
सलमान ने कम से कम देख तो लिया कि जेल जैसी चीज क्या होती हैं, पटौदी कैसे महाशिकारी कानुन अपनी जेब में लिए घुम रहे हैं. काश उस पशुमारक को भी एक चक्कर जेल का लगवा दे हमारी अदालते.
ReplyDeleteसही कहा आपने संजय जीसजा तो उसे भी मिलनी चाहीये। वैसे 'पशुमारक' शब्द अच्छा प्रयोग किया है आपने।
ReplyDeleteपुराना चुटकुला फिर से चल रहा है कि सलमान ने जोधपुर जेल प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. ख़ान मियाँ का कहना है- 'जेल में मुझे कपड़े पहनने के लिए बाध्य किया गया.'
ReplyDeleteslman ki kismat solid hai bhai.yahoo ka kya karu yaar
ReplyDeleteशैलु एक काम करो < HREF="http://www.gmail.com" REL="nofollow">जीमेल<> पर अपना मेल अकाउंट बनाओ। इसके लिये मुझे अपना ईमेल एड्रेस बताओ। जिससे मैं तुम्हे जी मेल पर इनवाइट कर सकुंगा।
ReplyDeletemera e-mail shelu543@rediffmail.com hai
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