Friday, January 29, 2010

चमकू चमकू छोटा तारा

मेरी बेटी की कविता

चमकू चमकू छोटा तारा
देखो कितना गजब का तारा
इस दुनिया में सबसे ऊँचा
हीरे जैसा प्यारा तारा

जेक्वा और जिलवा
गए ऊपर हिलवा
पनिया भरण के वास्ते
पनिया भरण के वास्ते
जक्वा गिर गवा
उसका माथा फट गवा
जक्वा गिर गवा
उसका माथा फट गवा
जिलवा आये लुढकन पुरे रास्ते

2 comments:

  1. आय हाय ... का खूब लिखिस

    ReplyDelete