Friday, May 07, 2010

हम सबकी लेखनी में कितनी समानता है ?

मैं नहीं समझता की ब्लोगर्स के पास इतने अनगिनत विषय हैं की हर विषय एकदम अलग विषय लगता हो, मुझे लगता है की लगभग लगभग सभी ब्लोगर वही लिखते हैं जो की पहले ही लिखा जा चुका है. परन्तु सबसे अच्छे ब्लोगर वो होते हैं जो उन विषयों को चुनते हैं जो इससे पहले कई बार प्रयोग में आ गए हों, जिन पर कई बार लिखा जा चुका हो. वास्तव में ऐसे ब्लोगर अपने लेख को कुछ इस तरह से प्रस्तुत करते हैं जैसे की यह लेख एक मूल लेख हो असली लेख हो.

किसी भी लेख को दोबारा प्रस्तुत करने के बहुत तरीके हैं. उदाहरण के लिए अपनी नयी पोस्ट के लिए आप कोई भी एक विषय चुनें और चुनने के बाद अब मेरी पिछली पोस्ट पोस्टिंग के 76 तरीके जो आपके ब्लॉग को चमका देंगे पर क्लिक करें और देखें इसकी सूची में आपको आपका विषय मिल जायेगा. यदि किसी विषय पर पहले ही काफी लिखा जा चुका हो तो इसका अर्थ कदापि यह नहीं है की इस पर और नहीं लिखा जा सकता, बल्कि में इसे और भी अच्छी प्रकार से लिखा जा सकता है और इस प्रकार लिखा जा सकता है की लगे की यही वास्तविक पोस्ट है बाकी सभी आधी - अधूरी थी. सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है की आपके पोस्ट में मुख्य चर्चा किस बिंदु पर हुई है ?

ये बात सत्य है की मूल विचार या मूल समाचार के साथ मूल प्रस्तुतीकरण का मेल एक घातक मेल होता है जिसका प्रहार सही निशाने पर होता है, और इसी के लिए हम लिखते हैं. इस प्रकार के संयोजन वाली हर पोस्ट आपको एक बेहतरीन विचारक सिद्ध करती है और आपकी पाठक संख्या और आपके प्रशंषकों की संख्या में वृद्धि करती है. लेकिन हम में से कई के पास एसा कुछ नहीं है जिससे की रोज़ नये विचार नये समाचार लिखे जा सकें. और अगर आपने ऐसा कई बार लिख भी दिया हो तो लिख दिया लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होगा.

बजाये इसके की सबसे पहले लिखने के लिए आतुर हों या कोई नया विचार या कहानी लिखने का संघर्ष करें, शायद हमें हमारी उर्जा (अधिकांश उर्जा) किसी पुराने विषय का गहनतम अध्ययन करने में और उसे फिर से लिखने में करना चाहिए. अगर आपकी पोस्ट का सन्देश किसी पहले से लिखी पोस्ट से ज्यादा स्पष्ट दिखाई देता है या आपका प्रस्तुतीकरण सबसे ज्यादा अच्छा है - तो फिर यकीनन आप एक महान ब्लोगर बनने के रास्ते पर चल पड़े हो.....

3 comments:

  1. सार्थक लेख और सही सोच के लिए धन्यवाद /

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  2. ब्लॉग्गिंग केवल प्रचार के लिए ही नहीं ..खुद के लिखने के शौक को पूरा करने ने किये भी की जाती है और उसमें मौलिकता हिना जरूरी है.
    पर आपके द्वारा बताये गए गुडो को अपनाएंगे ...हम ठहरे छोटे मोटे ब्लॉगर :)

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  3. अपने आप को छोटा मोटा ब्लोगर समझना भी महानता की निशानी है, वैसे आपने अपना वेब पता नहीं छोड़ा, कोई बात नहीं मैं आपके अगले कमेन्ट का इन्तजार करूँगा

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