Friday, December 31, 2010

2010 की यादें – सबसे शर्मनाक और निन्दनीय घटना

राहुल गाँधी का कहना है की लश्करे तैयबा से भी ज्यादा खतरा देश को हिन्दू कट्टरवाद से है.

हालाँकि ये बात सोचनीय है की किन तथ्यों को आधार बनाकर राहुल गाँधी ने  अमेरिकी राजदूत से ये बात की.

देश के महान जिम्मेदार स्वयं को न्यायाधीश मानने वाले मिडिया ने राहुल गाँधी से इस पर कोई प्रश्न भी नहीं किया की आखिर कोनसे ऐसे तथ्य या घटनाएँ है जिनसे राहुल को ये लगता है की हिन्दू कट्टरवाद लश्करे तैयबा से भी भयंकर खतरनाक है.

देश के महान कांग्रेसी नेताओं ने भी चुपचाप रहकर इस बात पर सहमती दी है की वे भी ऐसा ही मानते हैं...

इस पर एक बड़ा पोल होना चाहिए जिससे की ज्यादा से ज्यादा लोगों की सोच पता लग सके की क्या वे राहुल गाँधी की इस सोच से सहमत है.

क्यूंकि अगर मैं कांग्रेसी होता तो राहुल की ये बात सुनकर कांग्रेस छोड़ देता.

मैं इस बयान की कड़ी निंदा करता हूँ, और यह सोच रहा हूँ की यदि यह व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन जाता है तो क्या होगा???

इस मुद्दे पर सभी राय सहमति होनी चाहिए इ क्या आप राहुल के इस बयान से सहमत है ???

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3 comments:

  1. मुझे कोइ आश्चर्य नहीं हुआ इस बयान.. राहुल के ज्ञान और समझ के स्टार की जानकारी ही इसलिए.. एक बार जेएनयू आये थे बेचारे सूट-बूट पहन के.. लड़कों ने जब सवाल पूछने शुरू किये तो आँख और नाक दोनों से पानी चलने लगा था जनाब के. किसे तरह इज्जत बचाकर भागे थे..
    नववर्ष आपके और आपके सभी अपनों के लिए खुशियाँ और शान्ति लेकर आये ऐसी कामना है
    मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा

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  2. नववर्ष की आपको भी शुभकामनायें सतीश जी

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